Maiya Samman Yojana Update: झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की लाखों महिलाओं को हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह योजना खास तौर पर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। हालांकि, अब इस योजना में एक बड़ा अपडेट सामने आया है जो हजारों महिलाओं को चिंता में डाल सकता है।
पूर्वी सिंहभूम जिले में इस महीने भी 57 हजार महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की किस्त नहीं दी जा रही है। प्रशासन ने इन महिलाओं के दस्तावेजों की जांच के आधार पर पेमेंट रोक दी है। वहीं दूसरी ओर, 20 हजार महिलाओं की जांच पूरी होने के बाद उनके खाते में एक साथ ₹10,000 की राशि भेजी जा रही है। यह सारा मामला गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सामने आया है। आइए जानते हैं पूरा मामला और किन कारणों से महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की राशि नहीं मिल पा रही है।
पूर्वी सिंहभूम की 57 हजार महिलाओं की किस्त फिर रोकी गई
पूर्वी सिंहभूम जिले की 57 हजार महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की किस्त इस महीने भी नहीं मिलेगी। इनमें से कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें जनवरी से अब तक एक भी किस्त नहीं मिली है। वजह है दस्तावेजों की जांच। जिला प्रशासन ने बताया कि इन महिलाओं के आवेदन में भारी गड़बड़ियां पाई गई हैं। कई मामलों में एक ही बैंक खाते से दो या तीन महिलाओं की किस्तें भेजी जा रही थीं।
जब इस बात की शिकायतें मिलने लगीं, तब विभाग ने सख्ती दिखाते हुए सभी संदिग्ध लाभुकों की जांच शुरू कर दी। अब जांच के चलते इन 57 हजार महिलाओं की किस्त पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। प्रशासन का कहना है कि जांच में दो महीने और लग सकते हैं, तब तक इन महिलाओं को Maiya Samman Yojana का लाभ नहीं मिलेगा। इससे पहले जिले में 77 हजार लाभुकों की जांच शुरू हुई थी, जिसमें 20 हजार महिलाओं की जांच पूरी हो चुकी है।
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20 हजार महिलाओं को मिलेंगे एक साथ ₹10,000
मंईयां सम्मान योजना के इस पूरे मामले के बीच राहत की खबर भी सामने आई है। 20 हजार महिलाएं जो पहले संदिग्ध लाभुकों की सूची में थीं, उनकी जांच पूरी हो चुकी है और दस्तावेज सही पाए गए हैं। अब इन महिलाओं को जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल चार महीने की राशि एक साथ दी जा रही है। यानी प्रत्येक महिला के खाते में ₹10,000 सीधे भेजे जाएंगे।
प्रशासन ने साफ किया कि इन महिलाओं को पहले इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि उनके बैंक खातों में किस्तें अन्य महिलाओं के साथ साझा हो रही थीं, जो कि योजना के नियमों का उल्लंघन है। अब जब इनके सभी दस्तावेज और बैंक डिटेल्स स्पष्ट हो गए हैं, तो भुगतान प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे इन महिलाओं को राहत तो जरूर मिली है लेकिन बाकी लाभुकों के लिए यह संदेश भी है कि आगे से कोई लापरवाही न करें।
शिकायतों के बाद बढ़ी जांच, पोटका बना केंद्र
मंईयां सम्मान योजना में सबसे ज्यादा शिकायतें पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड से आई हैं। यहां के कई गांवों में मुस्लिम आबादी बहुत कम है लेकिन योजना के लाभुकों की संख्या ज्यादा है, जो संदेह पैदा करता है। इसके अलावा यह भी शिकायत आई कि बंगाल के निवासियों का नाम भी लाभुक सूची में दर्ज है। जब इन मामलों की पड़ताल की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में यह भी पता चला कि एक ही बैंक खाते से कई महिलाओं की किस्तें भेजी जा रही थीं, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। यही वजह है कि सरकार ने जांच और सत्यापन को तेज कर दिया है ताकि असली लाभुकों को ही योजना का फायदा मिल सके। साथ ही अब केवाईसी और बैंक खाता सत्यापन भी अनिवार्य कर दिया गया है।