Ladki Bahin Yojana Payment Transfer: महाराष्ट्र सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए लाडकी बहीण योजना चलाई जा रही है। इस योजना का मकसद गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये का आर्थिक मदद देना है जिससे वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें। और आने वाले समय में सरकार इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति माह करने की भी योजना बना रही है।
इस योजना के तहत अब तक सात किस्तें जारी हो चुकी हैं जिससे पात्र महिलाओं को कुल 10,500 रुपये की सहायता राशि मिल चुकी है।लेकिन अब इस योजना से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सरकार ने इस योजना के तहत लाखों अपात्र महिलाओं के खाते में भी 10,500 रुपये ट्रांसफर कर दिए हैं। अब सरकार इस मामले की जांच कर रही है और ऐसे लाभार्थियों की जांच कर रही है जो इस योजना के लिए योग्य नहीं थे।
इस गलती के कारण सरकार को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। तो दोस्तों आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि कौन सी महिलाओं को अपात्र घोषित किया गया है और इससे सरकार को कितना नुकसान हुआ है इसलिए दोस्तों इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
Ladki Bahin Yojana Payment Transfer Overview
पोस्ट का नाम | Ladki Bahin Yojana Payment Transfer |
योजना का नाम | लाडकी बहीण योजना |
उद्देश्य | महाराष्ट्र की गरीब और जरूरतमंद महिलाएं |
महीने की सहायता राशि | 1500 रुपये (भविष्य में 2100 रुपये हो सकती है) |
अब तक जारी कुल राशि | 10,500 रुपये (सात किस्तों में) |
अपात्र महिलाओं की संख्या | 5 लाख |
सरकार को हुआ नुकसान | 450 करोड़ |
योजना से बाहर महिलायें | 5 लाख महिलाओं को योजना से हटा दिया गया |
आधिकारिक वेबसाईट | https://ladakibahin.maharashtra.gov.in/ |
Ladki Bahin Yojana Payment Transfer 2025
महाराष्ट्र सरकार ने गरीब महिलाओं की आर्थिक मदद करने के लिए लाडकी बहीण योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत हर पात्र महिला को 1500 रुपये प्रति माह की सहायता दी जा रही है जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें। अब तक इस योजना के तहत सात किस्तें जारी हो चुकी हैं और महिलाओं को कुल 10,500 रुपये की सहायता राशि मिल चुकी है। जल्दी ही इस योजना के तहत 2100 रुपये प्रति माह की राशि भी दी जाने वाली है।
लेकिन हाल ही में इस योजना से जुड़ी एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सरकार की जांच में पता चला है कि लाखों अपात्र महिलाओं के खाते में भी यह राशि ट्रांसफर कर दी गई है। अब सरकार इन सभी लाभार्थियों की सूची दोबारा जांच रही है और उन महिलाओं को योजना से बाहर किया जा रहा है जो इसके लिए योग्य नहीं हैं।
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5 लाख महिलाओं को योजना से किया गया बाहर
महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिसंबर 2024 तक कुल 2 करोड़ 46 लाख महिलाओं को लाडकी बहीण योजना का लाभ दिया गया था। लेकिन जनवरी 2025 में जब सरकार ने लाभार्थियों की गहन जांच की तो यह पाया गया कि कई महिलाएं इस योजना के लिए पात्र नहीं थीं।
जनवरी 2025 में 2 करोड़ 41 लाख महिलाओं को योजना के तहत पैसा दिया गया यानी 5 लाख महिलाओं को योजना से हटा दिया गया। यह महिलाएं सरकार द्वारा तय किए गए मानदंडों पर खरी नहीं उतरीं जिसके चलते उनकी सातवीं किस्त रोक दी गई।
सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि जो महिलाएं इस योजना के लिए योग्य नहीं थीं लेकिन गलती से उन्हें पैसा मिल गया था उन्हें अब भविष्य में इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
अपात्र महिलाओं को भुगतान से सरकार को 450 करोड़ रुपये का नुकसान
महाराष्ट्र सरकार की जांच में यह पाया गया कि 5 लाख महिलाओं को गलत तरीके से इस योजना का लाभ मिला। सरकार ने अब इन लाभार्थियों को योजना से हटा दिया है और आगे से केवल उन्हीं महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा जो इसके लिए पूरी तरह से योग्य होंगी।
1 लाख 50 हजार महिलाओं की उम्र 65 वर्ष से अधिक थी जो योजना के पात्रता नियमों के अनुसार लाभ नहीं ले सकतीं। और 1 लाख 60 हजार महिलाओं के परिवार के पास चार पहिया वाहन था जिससे यह साबित होता है कि वे गरीब नहीं थीं।
इस प्रकार 2 लाख 30 हजार महिलाएं पहले से ही संजय गांधी निराधार योजना का लाभ ले रही थीं जो कि नियमों के खिलाफ था। इन गलत भुगतानों के कारण सरकार को 450 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
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अपात्र महिलाओं के खातों में 10,500 रुपये जमा
महाराष्ट्र सरकार ने इस योजना को गरीब परिवारों की महिलाओं की आर्थिक मदद के उद्देश्य से शुरू किया था। इसका मुख्य मकसद यह था कि कोई भी महिला आर्थिक परेशानियों के कारण अपना जीवन कठिनाई में न बिताए और उसे आर्थिक सहायता मिलती रहे।
लेकिन इस योजना में गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार अब लाभार्थियों की दोबारा जांच कर रही है। कई महिलाएं जिन्होंने गलत जानकारी देकर योजना का लाभ उठाया था उन्हें अब इस योजना से बाहर कर दिया गया है।
अब तक सरकार ने सात किस्तों में 10,500 रुपये की राशि इन महिलाओं के खातों में भेज दी थी। लेकिन अब इन अपात्र लाभार्थियों को इस योजना से पूरी तरह से हटा दिया गया है और भविष्य में वे इस योजना का कोई भी लाभ नहीं ले पाएंगी।