मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक सराहनीय पहल है जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे अपने घर-परिवार की जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी कर सकें। लेकिन अब इस योजना में कई जगहों से फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं।
कई ऐसे लोग जिन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए झूठे दस्तावेजों के आधार पर लाभ लिया, अब उन पर सरकार की सख्त नजर है। लोहरदगा जिले में ऐसी ही एक बड़ी कार्रवाई की गई है, जहां 180 लाभुकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है और उनसे मंईयां सम्मान योजना के तहत मिली राशि लौटाने का निर्देश दिया गया है। यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक सख्ती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि सरकार अब इस योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है।
180 लाभुकों को नोटिस, अब लौटानी होगी राशि
झारखंड के लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां कुल 180 लाभुकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है और उन्हें उनके खाते में आए पैसे वापस करने के लिए नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस थाना के माध्यम से सीधे उनके घर तक पहुंचाया गया है, ताकि कोई यह न कह सके कि उन्हें जानकारी नहीं मिली।
मंईयां सम्मान योजना का लाभ उठाने वाले इन लाभुकों पर आरोप है कि इन्होंने योजना की पात्रता की शर्तों को नजरअंदाज कर झूठी जानकारी दी थी और लाभ हासिल किया है। प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर तय समय के भीतर लाभुकों ने पैसे जमा नहीं किए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसका मतलब है कि FIR, जुर्माना और यहां तक कि जेल की नौबत भी आ सकती है। यह कदम प्रशासन की ओर से साफ संकेत देता है कि अब कोई भी मंईयां सम्मान योजना का दुरुपयोग करके बच नहीं पाएगा।
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किन पंचायतों के लोगों को मिला नोटिस
इस कार्रवाई के तहत कैरो प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से जुड़े लाभुकों को नोटिस थमाया गया है। सबसे ज्यादा संख्या कैरो पंचायत की है, जहां 52 लाभुकों को नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा नरौली पंचायत से 35, सढ़ाबे से 29, हनहट से 34, गजनी से 12 और गुड़ी पंचायत के 18 लाभुकों को नोटिस जारी किया गया है।
प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि यह सिर्फ शुरुआत है। अगर भविष्य में भी किसी अन्य पंचायत से इस तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें मिलती हैं तो वहां भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि योजना में शामिल पात्रता की शर्तों की अनदेखी करना अब भारी पड़ सकता है।
जिन लोगों ने झूठी जानकारी देकर योजना का लाभ लिया, उन्हें अब न सिर्फ पैसे लौटाने होंगे, बल्कि अपनी साख भी गंवानी पड़ रही है। स्थानीय लोग भी अब सतर्क हो गए हैं कि कहीं किसी गलती की वजह से उनकी भी योजना का पैसा बंद न हो जाए।
सरकार का सख्त संदेश, नियम तोड़े तो होगी कार्रवाई
प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा है कि मंईयां सम्मान योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लाभुकों को नोटिस भेजा गया है, उन्हें निश्चित समयसीमा के भीतर पूरी राशि वापस करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उनसे वसूली की जाएगी।
यह निर्णय सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें वे हर योजना में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना चाहती है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि मंईयां सम्मान योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो वाकई पात्र हैं और जिनके दस्तावेज सटीक हैं। बाकी लोगों के लिए अब यह एक चेतावनी है कि फर्जी तरीके अपनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेना अब बहुत महंगा साबित हो सकता है।