PM Awas Yojana Big Update: भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना PMAY के तहत कई लोग अपने पक्के घर का सपना पूरा कर चुके हैं। लेकिन कई ऐसे जरूरतमंद भी हैं जो अब तक योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं।
अब सरकार ने ऐसे ही लोगों के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है जिसके तहत पीएम आवास योजना की वेटिंग लिस्ट में नाम जोड़ने का मौका दिया जा रहा है। अगर आप पात्र हैं और अब तक इस योजना के लाभ से बचे हैं तो 31 मार्च 2025 तक यह सुनहरा अवसर आपके लिए खुला है।
इस नए अपडेट के तहत सरकार 10 जनवरी से लेकर 31 मार्च 2025 तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए पात्र लाभुकों का सर्वे करवा रही है। इस सर्वे के माध्यम से जिनका नाम पहले नहीं जुड़ पाया था उन्हें एक और मौका दिया जा रहा है।
इसके लिए PM Awas Survey App का इस्तेमाल किया जा रहा है और यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है। इसलिए अगर आप भी योजना में शामिल होना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि इसमें हम आपको इस योजना के बारे मे पूरी जानकारी देंगे।
PM Awas Yojana Big Update 2025
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत कई योग्य लाभार्थी अभी भी योजना से बचे हैं। सरकार ने इन सभी बचे परिवारों के लिए 10 जनवरी से 31 मार्च 2025 तक एक खास सर्वे अभियान शुरू किया है। इस सर्वे का उद्देश्य उन गरीब परिवारों को योजना का लाभ देना है जो पात्र होने के बावजूद पहले छूट गए थे।
सर्वेक्षण PM Awas Survey App के माध्यम से किया जा रहा है और यह पूरी तरह निशुल्क है। ऐसे में अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको अपने पंचायत स्तर पर किए जा रहे सर्वे में भाग लेना होगा। इस प्रक्रिया के दौरान कोई भी अवैध राशि की मांग करता है।
तो इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1064 या निगरानी विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0612-2215344 पर की जा सकती है। सरकार ने साफ किया है कि किसी भी घोटाले के झांसे में न आएं क्योंकि यह प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है।
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जानिए किसे सौंपा गया है सर्वे का काम
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के इस खास सर्वे की जिम्मेदारी पंचायत स्तर पर दी गई है। पंचायत स्तर पर यह काम ग्रामीण आवास सहायक एवं पंचायत रोजगार सेवक के माध्यम से किया जा रहा है।
- जिन पंचायतों में ग्रामीण आवास सहायक और रोजगार सेवक उपलब्ध नहीं हैं वहां जिला प्रशासन पंचायत सचिव के माध्यम से इस सर्वेक्षण को पूरा करवा रहा है।
- यदि सर्वेक्षण के दौरान कोई गलत तरीके से पैसा मांगता है तो आप इसकी शिकायत निगरानी विभाग के टेलीफोन नंबर 0612-2215344 टोल फ्री नंबर 1064 या मोबाइल नंबर 7765953261 पर कर सकते हैं।
- सर्वे से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए आप अपने जिला के बीडीओ या पंचायत स्तर के किसी कर्मचारी से संपर्क कर सकते हैं।
जानिए कौन हैं अपात्र, किसे नहीं मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ केवल जरूरतमंद और पात्र लोगों को ही दिया जाएगा-
- वे लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे जिनके पास पहले से पक्का मकान मौजूद है।
- और वे लोग भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते जिनके पास तीन पहिया या चार पहिया गाड़ी है।
- तथा वे लोग भी इसका लाभ नहीं ले सकते जिनके पास मशीनी तिपहिया चारपहिया कृषि उपकरण हैं।
- और 50,000 या इससे अधिक कर्ज सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड धारक भी इस योजना मे शामिल नहीं हो सकते।
- या फिर जिनके परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी करता है वे भी इस योजना से बाहर रहेंगे।
- या फिर जिनके परिवार का कोई सदस्य 15,000 रुपये प्रति माह या उससे अधिक कमाता है उनको भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।
- और जिनका गैर कृषि उद्यम सरकार के पास पंजीकृत हैवे लोग भी इस योजना से बाहर रखे जाएंगे।
- साथ ही वे लोह जो आयकर या व्यवसाय कर भरते हैं वे भी इस योजना मे शामिल नहीं हो सकते।
- या फिर जिनके पास 2.5 एकड़ या उससे अधिक की सिंचित भूमि है वे भी इस योजना से बाहर रहेंगे।
- जिनके पास 5 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि है उनको भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।
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रिश्वतखोरी का मामला आया सामने, वीडियो वायरल
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को पक्का मकान देने के लिए सरकार द्वारा सख्त काम किए जा रहे हैं लेकिन इसी बीच कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली के मामले भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में बिहार के सिवान जिले से एक आवास सहायक द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ है।
यह मामला सिवान जिले के अंदर प्रखंड के मानपुर पतेजी पंचायत का है जहां ग्रामीण मदन राजभर ने आरोप लगाया कि उनसे प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ने के लिए 2500 रुपये की मांग की गई थी। वीडियो में बताया जा रहा है कि आवास सहायक जितेंद्र कुमार ने 5000 रुपये की मांग की थी लेकिन मदन राजभर ने 2500 रुपये दिए।
यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया जिसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश यानी गुस्सा फैल गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सही तरीके से चेक किया जाए तो यह मामला बहुत बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। लेकिन आवास सहायक जितेंद्र कुमार ने इन आरोपों को बिल्कुल गलत बताया है।