Maiya Samman Yojana Dhanbad Update: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी “मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” महिलाओं की आर्थिक मजबूती का एक बड़ा जरिया बन चुकी है। हर महीने ₹2500 की आर्थिक मदद पाकर लाखों महिलाएं अपने घर-परिवार की ज़रूरतें पूरी कर रही हैं। लेकिन हाल ही में धनबाद जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने कई लाभार्थियों की चिंता बढ़ा दी है।
दरअसल, जिले की लगभग 19000 महिलाओं को अभी तक योजना की किस्त नहीं मिल पाई है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है उनका बैंक खाता आधार से लिंक न होना। जबकि बाकी महिलाओं को लगातार पैसे मिल रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि जिन महिलाओं के खाते आधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें अब क्या करना चाहिए? और सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है? आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं तो तो इस लेख में आखिर तक बने रहे।
मईया योजना का लाभ के लिए आधार लिंक जरूरी
मईया सम्मान योजना के तहत धनबाद जिले में तकरीबन 3.66 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है, लेकिन इनमें से 19000 महिलाएं ऐसी हैं जिनके बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं। नतीजा यह हो रहा है कि उनके खाते में योजना की राशि ट्रांसफर नहीं हो पा रही है। अब उन्हें इसके लिए ना सिर्फ बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है, बल्कि अंचल और प्रखंड कार्यालय भी जाना पड़ रहा है।
जिन लाभुकों को आधार लिंक की जानकारी मिल चुकी है, वे सीधे बैंक जाकर प्रक्रिया पूरी करवा रही हैं। लेकिन जिन महिलाओं को जानकारी नहीं है, वे भ्रम की स्थिति में हैं। योजना के नियम के अनुसार DBT तभी संभव है जब बैंक खाता आधार से लिंक हो और NPCI मैपिंग पूरी हो। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि सभी महिलाएं जल्द से जल्द अपने बैंक खाते को आधार से लिंक करवाएं।
12 जिलों की महिलाओं को आज से 10वीं और 11वीं किस्त के ₹5000 की राशि मिलना शुरू
धनबाद की महिलाओं को करना होगा इंतजार
धनबाद में हर हफ्ते सोमवार, बुधवार और शनिवार को महिलाओं को मंईयां योजना की जानकारी देने के लिए शिविर लगाए जाते हैं। लेकिन शिकायतें सामने आ रही हैं कि लाभुकों को सही समय पर और स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही है। जिन महिलाओं का पैसा रुका हुआ है, वे रोजाना कार्यालय जाकर जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन कई बार उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है।
इससे उनमें नाराजगी और भ्रम दोनों बढ़ता जा रहा है। महिलाएं कह रही हैं कि सरकार ने राशि तो ₹2500 कर दी है, लेकिन इसका लाभ सभी तक नहीं पहुंच पा रहा है। खासकर उन महिलाओं को परेशानी हो रही है जो तकनीकी जानकारी कम रखती हैं और कार्यालयों में सही मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। जब तक उनका आधार लिंक नहीं होगा, तब तक उन्हें इंतजार ही करना पड़ेगा।
योजना के लाभ से वंचित महिलाओं की शिकायतें
हालांकि सरकार का दावा है कि पात्र महिलाओं को ही मईया योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही है। कई महिलाओं ने बताया कि जब वे कार्यालय जाती हैं, तो कोई भी अधिकारी उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं देता है। फॉर्म में क्या कमी है, आधार क्यों लिंक नहीं हो पाया, ये सब कुछ ठीक से बताया ही नहीं जाता है। इस वजह से लाभुकों को एक जगह से दूसरी जगह भटकना पड़ता है।
जबकि सरकार के वादे थे कि प्रक्रिया सरल होगी और महिला केंद्रित होगी। शिकायतें यह भी हैं कि कुछ अपात्र महिलाओं को योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि असली जरूरतमंद महिलाएं योजना से वंचित हैं। इन सभी मुद्दों का समाधान तभी होगा जब हर लाभुक को उसकी पात्रता की स्थिति, आवेदन की स्थिति और दस्तावेजों की कमी की जानकारी स्पष्ट रूप से दी जाएगी।