Maiya Samman Yojana Big Alert: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर झारखंड सरकार अब सख्त हो गई है। शुरुआत में जिस उद्देश्य से इस योजना को लागू किया गया था यानी राज्य की जरूरतमंद, गरीब और असहाय महिलाओं को ₹2500 महीना सहायता देना, उसी उद्देश्य को अब कुछ लोगों ने गलत तरीके से तोड़-मरोड़कर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है।
कई जगहों पर ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ पंचायत प्रतिनिधि, वार्ड सदस्य और यहां तक कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर कुछ बाहरी महिलाएं भी योजना का लाभ उठा रही थीं। सरकार ने अब ऐसे फर्जी लाभुकों की पहचान करना शुरू कर दिया है और उन सभी से पूरी राशि वसूलने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, जिनके खाते अब तक आधार से लिंक नहीं हुए हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द अपडेट करने का निर्देश मिला है। चलिए जानते हैं इस मामले की पूरी सच्चाई और सरकार का अगला कदम क्या है।
Maiya Samman Yojana Big Alert – अपात्र महिलाओं से होगी वसूली
राज्य सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खासकर वार्ड सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों की जांच के दौरान यह सामने आया कि कई लोग जो खुद सरकारी पदों पर हैं, वे भी योजना का लाभ ले रहे हैं।
यह पूरी तरह नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि योजना केवल उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर, बेरोज़गार और असहाय हैं। गम्हरिया प्रखंड के शिविरों में जब दस्तावेजों की जांच की गई तो कई वार्ड सदस्य अपात्र साबित हुए हैं। अब उन्हें वह पूरी राशि लौटानी होगी जो अब तक उन्होंने मंईयां सम्मान योजना के तहत पाई है।
अगर उन्होंने समय पर रकम नहीं लौटाई, तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इन महिलाओं ने भले ही योजना के तहत कुछ महीने की राशि पा ली हो, लेकिन अब उन्हें इसे लौटाना ही होगा। ऐसे में बाकी महिलाओं के लिए भी यह एक चेतावनी है कि अगर आपने गलत तरीके से योजना का लाभ लिया है, तो अब समय आ गया है कि आप खुद इसे सुधार लें।
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फर्जी दस्तावेज और घुसपैठियों पर भी बढ़ा शिकंजा
पूर्वी सिंहभूम जिले में तो स्थिति और भी गंभीर है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने खुद उपायुक्त को शिकायत देकर बताया कि कई पंचायतों में ऐसे नाम शामिल हैं जो बाहर से आकर यहां बस गए हैं। खासकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम महिलाओं के नाम शामिल पाए गए, जबकि वहां मुस्लिम परिवार रहते ही नहीं है। इसके अलावा कुछ जगहों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर योजना का लाभ लेने की बात सामने आई है।
यह सीधे-सीधे उन गरीब और ज़रूरतमंद महिलाओं का हक छीनने जैसा है जो सच में इस योजना की पात्र थीं। सरकार ने अब इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आगे किस तरह से यह सफाई अभियान चलाया जाता है।
बिना आधार लिंक वाले लाभुकों को नहीं मिलेगी राशि
राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि अब केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगी जिनके बैंक खाते आधार से लिंक हैं। विभाग के निर्देश के मुताबिक सभी लाभुकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका खाता आधार सीडिंग हो, अन्यथा राशि नहीं भेजी जाएगी।
लोहरदगा जिला के सहायक निदेशक प्रमोद कुमार दास ने साफ कहा है कि सभी लाभुकों को अपने-अपने बैंक में जाकर आधार लिंकिंग प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। इसके लिए शिविर लगाए जा रहे हैं और ऑनस्पॉट सहायता भी दी जा रही है। योजना के सुचारु संचालन के लिए सरकार तकनीकी व्यवस्था भी सुदृढ़ कर रही है।
पहले कुछ तकनीकी कारणों से ई-केवायसी की प्रक्रिया रुकी थी, लेकिन अब इसे दोबारा तेज़ी से शुरू कर दिया गया है। सरकार की इस कार्रवाई से साफ है कि मंईयां सम्मान योजना को पारदर्शी और सटीक बनाना अब सरकार की प्राथमिकता है, ताकि असली जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिल सके।