Maiya Samman Yojana Today Update: झारखंड में मंईयां सम्मान योजना, जो महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा करती है, फिलहाल विवादों में है। साहिबगंज जिले के कबूतरखोपी गांव की कई महिलाएं इस योजना के लाभ से वंचित हैं।
वे कई बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन अब तक किसी को संतोषजनक जवाब नहीं मिला। महिलाओं का कहना है कि अगर सरकार योजना का लाभ नहीं दे सकती तो इसे बंद कर देना चाहिए।
योजना के तहत महिलाओं को क्या मिलना था?
मंईयां सम्मान योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत हर पात्र महिला को 2500 रुपये हर महीने उनके बैंक खाते में भेजे जाने का प्रावधान है। योजना से 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाएं लाभान्वित हो सकती थीं। सरकार ने इसे झारखंड में महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार के लिए शुरू किया था।
कबूतरखोपी गांव की महिलाओं की स्थिति
कबूतरखोपी गांव की महिलाएं मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभ पाने के लिए 6 महीने से भटक रही हैं। किरण देवी ने बताया कि उन्होंने 12 अगस्त 2024 को योजना के तहत आवेदन किया था और इसकी रसीद भी उनके पास है। लेकिन अब तक उन्हें एक भी किस्त नहीं मिली है।
मिनती देवी, बबली देवी और अन्य महिलाएं भी यही समस्या साझा करती हैं। इन महिलाओं का कहना है कि प्रखंड कार्यालय का बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया। कई महिलाओं ने शिकायत की है कि हर बार अलग-अलग दस्तावेज मांगे जाते हैं, लेकिन किस्त जारी करने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई।
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सत्यापन प्रक्रिया बनी रुकावट
मंईयां सम्मान योजना के सत्यापन कार्य में देरी सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। गोड्डा जिले के बीडीओ अभिनव कुमार ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए पंचायत सचिव और आंगनबाड़ी सेविकाओं को सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सत्यापन का कार्य जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस प्रक्रिया में किसी भी महिला के साथ अन्याय न हो।
महिलाओं की शिकायतें और गुस्सा
महिलाओं ने अपनी परेशानियां साझा करते हुए कहा कि जब सरकार इस योजना का लाभ नहीं दे सकती, तो इसे बंद कर देना चाहिए। नाजरीना खातून ने बताया कि योजना में लगातार हो रही देरी से महिलाओं को न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
निष्कर्ष
मंईयां सम्मान योजना, जो महिलाओं को आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, फिलहाल अपने लक्ष्य से भटकती नजर आ रही है। अगर सरकार इस योजना को सही तरीके से लागू करने में विफल रहती है, तो इसे बंद करने की मांग जोर पकड़ सकती है। ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इस योजना को फिर से पटरी पर लाने के लिए क्या कदम उठाती है।