Maiya Samman Yojana Rs5000 Big Alert: आधार या बैंक में की ये गलती तो रुक जाएगी ₹5000 की किस्त, यहां जानें पूरी सच्चाई

Maiya Samman Yojana Rs5000 Big Alert: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहारा देना है। हाल ही में सरकार ने घोषणा की है कि इस बार लाभुकों को सीधे ₹5000 की राशि उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।

लेकिन इस राशि को प्राप्त करने में कई महिलाएं सिर्फ एक छोटी सी गलती के कारण पीछे रह सकती हैं। दरअसल, योजना से जुड़े दस्तावेज़ों में की गई छोटी सी भी छेड़छाड़ या बदलाव आपके खाते में पैसा रोकने का कारण बन सकता है। इसलिए सरकार ने लाभुकों को पहले ही सख्त हिदायत दी है कि पैसे आने तक वे अपने आधार कार्ड, बैंक खाता या राशन कार्ड जैसी किसी भी जानकारी में कोई बदलाव न करें।

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Maiya Samman Yojana Rs5000 Big Alert

राज्य सरकार की तरफ से बार-बार चेतावनी दी जा रही है कि मंईयां सम्मान योजना की राशि प्राप्त करने के लिए लाभुकों को अपने दस्तावेजों में बिना जरूरत कोई बदलाव नहीं करना चाहिए। कई बार महिलाएं आधार कार्ड में नाम सुधार, राशन कार्ड में नाम जोड़ने या बैंक खाता बदलवाने जैसे छोटे-छोटे बदलाव करवा देती हैं, लेकिन ये मामूली बदलाव सीधे उनके खाते में पैसे आने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर किसी लाभुक का आधार कार्ड पहले से योजना में लिंक है और पैसे आ रहे हैं, तो उसमें सुधार करवाने से वह आधार दुबारा वैरिफाई करना पड़ेगा, जिससे ट्रांजैक्शन प्रक्रिया बीच में अटक सकती है। यही नहीं, बैंक में IFSC कोड या खाता नंबर की जरा सी गलती से भी भुगतान में बाधा आ सकती है। इसलिए लाभुकों को सलाह दी जाती है कि जब तक पैसा उनके खाते में न आ जाए, वे किसी भी दस्तावेज़ में छेड़छाड़ या अपडेट से दूर रहें।

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दो बैंक खातों से हो सकती है गड़बड़ी

कई महिलाओं की आदत होती है कि वे नया बैंक खाता खुलवाने का विचार करती हैं, ताकि पैसा अलग से आए या पुराने खाते की जगह नया खाता इस्तेमाल कर सकें। लेकिन मंईयां सम्मान योजना के संदर्भ में यह कदम बिल्कुल गलत साबित हो सकता है। अगर आपके आधार कार्ड से दो बैंक खाते लिंक हो जाते हैं, तो सरकार की भुगतान प्रणाली को यह तय करने में मुश्किल होगी कि किस खाते में पैसा भेजा जाए।

इससे दोनों खातों के बीच कन्फ्यूजन की स्थिति बनती है, और अंत में योजना की किस्त को ही रोक दिया जाता है। योजना की गाइडलाइन भी साफ कहती है कि एक ही लाभुक को एक बैंक खाते में ही राशि भेजी जाएगी। इस वजह से, जिन लाभुकों ने अभी तक नया खाता नहीं खुलवाया है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वो तब तक इंतजार करें जब तक यह किश्त उनके खाते में सुरक्षित तरीके से पहुंच न जाए। एक बार पैसा आ जाए, उसके बाद ही नया खाता खोलने का विचार करें।

आधार सीडिंग न होने से भी रोका गया पैसा

राज्य सरकार ने साफ-साफ निर्देश दिए हैं कि योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आधार सीडिंग अनिवार्य है। लेकिन इसके बावजूद अभी भी हजारों महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने अपने बैंक खाते को आधार से लिंक नहीं करवाया है। नतीजा, इन महिलाओं के खाते में ₹5000 की राशि नहीं भेजी जाएगी।

आधार सीडिंग का मतलब है कि आपके बैंक खाते और आधार कार्ड में तकनीकी रूप से लिंक हो, जिससे सरकार को यह सुनिश्चित करने में आसानी हो कि पैसा सही व्यक्ति तक पहुंच रहा है। बिना सीडिंग के सरकार को भरोसा नहीं रहता कि खाता असली लाभुक का है या नहीं। यही वजह है कि बड़ी संख्या में महिलाओं को इस बार योजना से बाहर कर दिया गया है।

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गलत दस्तावेज़ वाले लाभुकों को किया गया बाहर

हाल ही में मंईयां सामान योजना के लाभुकों की जांच प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसमें यह पाया गया कि बड़ी संख्या में महिलाएं जो पहले योजना का लाभ ले रही थीं, वे अब अपात्र पाई गई हैं। जांच में सामने आया कि उनके दस्तावेज़ अधूरे थे या गलत जानकारी भरी हुई थी। जैसे किसी का राशन कार्ड किसी और के नाम पर था, या बैंक खाता परिवार के पुरुष सदस्य के नाम पर था।

ऐसे मामलों में सरकार ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें योजना से बाहर कर दिया है। इसलिए अगर आप मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेना चाहती हैं तो सुनिश्चित करें कि आपके सभी दस्तावेज सही हों, और उन पर सिर्फ आपका ही नाम दर्ज हो। इस तरह की सख्ती से यह तय होता है कि योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं तक पहुंचे जो वाकई में पात्र हैं और जिन्हें इस आर्थिक मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है।

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