Maiya Samman New Rule: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत यदि आपको लाभ मिल चुका है, चाहे आपको 4 किस्त से ₹4000 मिले हैं या फिर 1 या 2 ही किस्त के पैसे क्यों न मिले हैं आपके लिए एक बड़ी अपडेट सामने आई है। यदि आप मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत लाभ लेती हैं तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है।
क्योंकि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए नए अपडेट के अनुसार राज्य की 3 प्रकार की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत मिलने वाले पैसे को वापस करने पढ़ सकते हैं। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत राज्य की किन 3 प्रकार की महिलाओं को पैसे वापस करने पढ़ सकते हैं? इसकी संपूर्ण जानकारी आज की इस लेख में हम आपको बताएंगे।
और यदि आप नीचे बताएं इन 3 प्रकार की क्राइटेरिया के अंतर्गत आती हैं तो आपको अभी से ही सावधान रहना चाहिए ताकि आगे चलकर आपको किसी भी प्रकार के समस्याओं का सामना करना न पढ़े। आज के इस पोस्ट में हम आपको Maiya Samman New Rule के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी बताने वाले हैं, तो आप लेख को आखिर तक जरूर पढ़ें।
Maiya Samman New Rule
जैसा कि झारखंड की महिलाओं के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मंईयां सम्मान योजना का संचालन किया जा रहा है। अब तक राज्य की महिलाओं को 4 किस्त से ₹4000 प्राप्त हो चुके हैं जबकि 5वी किस्त के पैसे राज्य की महिलाओं को जल्द ही मिलने वाली हैं। 5वी किस्त से राज्य की महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह प्राप्त होगी।
इसी बीच मंईयां सम्मान योजना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि राज्य की वे सारी महिलाएं जो राज्य सरकार द्वारा बताई गई इन 3 प्रकार की क्राइटेरिया के के अंतर्गत आती है उन्हें इस योजना के किस्त के पैसे वापस करने पढ़ सकते हैं। आखिर सरकार द्वारा निर्धारित की गई 3 प्रकार की क्राइटेरिया क्या है? इसकी जानकारी हमने आगे पोस्ट में बताई है।
मंईयां सम्मान योजना के 5वी किस्त में देरी का मुख्य कारण यहां जाने
इन 3 प्रकार की महिलाओं को लौटने होगें मंईयां सम्मान योजना के पैसे
1. मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के पात्रता शर्तों के अनुसार यदि कोई महिला सरकारी नौकरी में स्थाई, संविदा (अनुबंध), या मानदेय कर्मी के रूप में काम करती है तो उन्हें इस योजना से लाभ नहीं मिलेगा।
1. जलसहिया, आशा वर्कर, इत्यादि का कार्य और स्थिति:
- ये वर्कर संविदा (अनुबंध) का काम करती है उन्हें सरकार से मासिक मानदेय (₹2000 से ₹4000) जैसे छोटी राशि मिलती है।
2. पात्रता शर्तें:
- चुकी ये वर्कर सरकारी अनुबंध कर्मी मानी जाती है और उन्हें मानदेय भी मिलता है, इसलिए वह मंईयां सम्मान योजना के लिए पात्र नहीं है। यह काम सरकारी योजना के तहत आता है भले ही वह स्थाई सरकारी कर्मचारी नहीं है और उनकी सैलरी बहुत ही कम है लेकिन योजना की शर्तों के अनुसार, अनुबंध और मानदेय पर काम करने वाले कर्मचारी, योजना का लाभ पाने के लिए पात्र नहीं है।
2. मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की पात्रता शर्तों के अनुसार यदि कोई महिला व्यवसाय (व्यापार) कर रही है तो वह इस बात पर निर्भर करेगा की
1. व्यवसाय की आय और प्रकृति
- यदि महिला का व्यवसाय छोटा है और वह आयकर (इनकम टैक्स) के दायरे में नहीं आती है तो वह योजना के लिए पात्र मानी जाएगी। और यदि व्यवसाय से होने वाली आय इतनी ज्यादा अधिक है कि महिला या उसका परिवार आयकर दाता के अंतर्गत आता है तो वह योजना के लिए पात्र नहीं होगी।
2. अन्य पात्रता शर्तें:
- महिला या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है।
- परिवार के अन्य सदस्य को पेंशन, सामाजिक सुरक्षा योजना, या सरकारी मानदेय न मिल रहा हो।
- महिला EPF खाताधारी, सांसद/विधायक के परिवार के सदस्य न हो।
3. आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका के संदर्भ में यह देखना जरूरी है कि वह सरकारी अनुबंध कर्मी मानी जाती है और उन्हें भी सरकार से मानदेय मिलता है। इस स्थिति में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की पात्रता के अनुसार उन्हें लाभ नहीं मिलेगा।
कारण:
1. अनुबंध कर्मी की परिभाषा:
- आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका को सरकार से नियमित रूप से मानदेय मिलता है। योजना में स्पष्ट किया गया है कि अनुबंध या मानदेय पर काम करने वाले कर्मी (जैसे आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका) योजना का लाभ नहीं ले सकती है।
झारखंड राज्य की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की लाभार्थी महिलाएं जो इन 3 प्रकार के क्राइटेरिया के अंतर्गत आती है वह सावधान रहे, यदि आपको मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत लाभ मिल रहा है तो आगे चलकर आपको सभी किस्त के वापस लौट पढ़ सकते हैं।